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Editor - Isha Gupta
झुलसा रोग में धब्बे आपस में मिलकर पूरे पत्ते को बर्बाद कर देते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता घटती है.
झुलसा रोग
रोग बढ़ने पर तनों, शाखाओं और फलियों तक फैल जाता है, जिससे फलियों के दाने सिकुड़कर बदरंग हो जाते हैं.
झुलसा रोग के लक्षण
इस रोग से बचाव के लिए बुवाई से पहले बीज को मेन्कोजेब 3 ग्राम/किलो की दर से उपचारित करना चाहिए.
बचाव के लिए क्या करें
रोग के फैलते ही मेन्कोजेब 2.5 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर हर 10 दिन में 2-3 बार छिड़काव करें.
करें ये उपाय
सरसों पर सफेद रतुआ रोग भी हमला करता है, जिसमें पत्तियों की निचली सतह पर सफेद फफोले बनते हैं.
सफेद रतुआ रोग
समय के साथ सफेद फफोले आपस में मिलकर बड़े धब्बों में बदल जाते हैं, जो पत्ती और फलियों को नुकसान पहुंचाते हैं.
लक्षण
यह रोग ठंडे मौसम (10-18°C) में ज्यादा फैलता है, जिससे फूलों और फली पर केकड़े जैसे उभरे हुए धब्बे बनते हैं.
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10-18°C में फैलता है