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बरसीम, चरी, ज्वार, बाजरा, मक्का और हाइब्रिड नैपियर जैसे हरे चारे दूध उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त हैं.
पशु को उसके शरीर के वजन के लगभग 3% के बराबर भोजन दें, जिसमें एक तिहाई सूखा चारा और दो तिहाई हरा चारा हो.
प्रजाति, प्रबंधन, पोषण और चिकित्सा—इन चारों का सही तालमेल ही डेयरी व्यवसाय को सफल बनाता है.
गन्ने का अगौला भी उतना ही हानिकारक है जितनी पत्तियां. इससे दूध में गिरावट आती है.
बाजार के रेडीमेड फीड की बजाय किसान खुद पौष्टिक आहार बनाएं. यह सस्ता भी होता है और दूध की गुणवत्ता भी बढ़ाता है.
डेयरी शुरू करने से पहले पशु प्रबंधन और पोषण पर प्रशिक्षण लें. इससे उत्पादन बढ़ेगा और नुकसान के मौके घटेंगे.
पशु को साफ पानी और संतुलित आहार दें. गंदा पानी या बासी चारा देने से पाचन प्रभावित होता है और दूध कम होने लगता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.