ठंड के मौसम में हरे चारों की उपलब्धता कम हो जाती है, जिससे पशुओं को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते.

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ऐसे में अजोला को हरे चारे में सबसे उन्नत माना जाता है, जो आसानी से उगता है और मवेशियों की उत्पादकता बढ़ाता है.

अजोला का सेवन करने से मवेशियों में दूध की मात्रा और मुर्गियों में मांस व अंडा उत्पादन 10-15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.

अजोला में प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और कॉपर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.

अजोला को छोटे गड्ढों या तालाब पर आसानी से उगाया जा सकता है. यह किसानों के लिए सरल चारा है.

यदि गाय और भैंस को रोज 2-2.5 किलोग्राम अजोला दिया जाए, तो दूध की उत्पादन क्षमता 15 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.

मुर्गियों को रोजाना 10-20 ग्राम अजोला देने से उनका वजन और अंडा उत्पादन बढ़ता है, जिससे आर्थिक लाभ भी मिलता है.

भेड़ और बकरियों को 100-200 ग्राम ताजा अजोला देने से उनका शारीरिक विकास और दुग्ध उत्पादकता बेहतर होती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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