पहले करवा चौथ केवल विवाहित महिलाओं के लिए था, जो पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए रखा जाता था.

Photo Credit: Canva

आज के दौर में सोच बदल चुकी है. अब कई अविवाहित लड़कियां भी यह व्रत रखती हैं, भविष्य के साथी की मंगलकामना के लिए.

मान्यताओं के अनुसार कुंवारी लड़कियां यह व्रत रख सकती हैं, जिससे उन्हें योग्य जीवनसाथी मिलने का आशीर्वाद मिलता है.

कुछ अविवाहित युवक भी अपनी होने वाली पत्नी की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखते हैं.

अविवाहित कन्याएं व्रत से एक दिन पहले खुद सरगी खरीद सकती हैं और सूर्योदय से पहले उसका सेवन करना शुभ माना जाता है.

स्नान के बाद रंग-बिरंगे कपड़े पहनें, हल्का श्रृंगार करें और भगवान गणेश, शिव-पार्वती की पूजा कर संकल्प लें.

शाम को चांद निकलने से पहले माता करवा, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा करें तथा करवा चौथ की कथा अवश्य सुनें.

तारों को छलनी से देखकर आरती करें और अंत में पानी पीकर व्रत खोलें. यह व्रत प्रेम और विश्वास का प्रतीक है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: इस दिन से शुरू हो रहा है बिहार का महापर्व छठ!