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इस पर प्रेमानंद महाराज ने भी अपने विचार रखे और साफ कहा कि अंडा वेज नहीं बल्कि नॉनवेज है.
प्रेमानंद महाराज के अनुसार अंडा किसी भी तरह से शाकाहारी भोजन की श्रेणी में नहीं आता.
अंडा वास्तव में एक जीव का बीज है, जिससे नया प्राणी जन्म ले सकता है.
अंडे को किसी भी भगवान को भोग में चढ़ाना उचित नहीं माना जाता.
महाराज जी का कहना है कि अंडा खाने से मन में तामसिक और नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं.
अंडा खाने वाला व्यक्ति धीरे-धीरे मांसाहार की ओर आकर्षित हो सकता है.
प्रेमानंद महाराज ने साफ कहा है कि उनकी दृष्टि में अंडा पूरी तरह नॉनवेज है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.