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इस पर महाराज जी ने कहा, “तुम उसे पाप क्यों समझती हो, यह तो भगवान शंकर की कृपा भी हो सकती है.”
उन्होंने समझाया कि सांप तो स्वयं भगवान शिव के गले का हार हैं, इसलिए इसे डर का नहीं, आशीर्वाद का संकेत मानो.
महाराज जी ने कहा, “जब भी सांप दिखाई दे, तो हाथ जोड़कर बोलो जय हो शिव शंकर! इसमें पाप नहीं, पुण्य है.”
उन्होंने बताया कि सांप भी इसी सृष्टि का हिस्सा हैं, उनसे डरने की नहीं, सम्मान करने की जरूरत है.
महाराज जी बोले कि ये सब मान्यताएं हैं सांप जिसे पहले दिखाई देगा, वही देखेगा. इसमें कोई विशेष दोष नहीं.
अगर केवल आपको ही बार-बार सांप दिखाई देते हैं, तो इसे शुभ माना गया है. यह ईश्वरीय संकेत हो सकता है.
सांप भगवान शिव के गले और जटाओं में बसे हैं. इसलिए उनका दिखना शिव कृपा और शुभ ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.