बकरी पालन खेती के साथ-साथ किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का बेहतरीन जरिया बन सकता है.

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बकरी पालन गाय-भैंस की तुलना में कम खर्चीला और आसान माना जाता है. इसके लिए बड़े शेड या ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती.

बकरी कम चारे में भी स्वस्थ रहती है और बीमारियों का खतरा अन्य पशुओं की तुलना में कम होता है.

अच्छे मुनाफे के लिए सही नस्ल का चुनाव अहम है. विशेषज्ञों के अनुसार उस्मानाबादी बकरी सबसे उपयुक्त मानी जाती है.

उस्मानाबादी बकरी रोजाना 3 से 3.5 लीटर दूध देती है और एक ब्यांत में कुल 170-180 लीटर दूध निकाल सकती है.

इस नस्ल का वजन अन्य बकरियों से ज्यादा होता है, जिससे इसका मीट बाजार में अच्छे दामों पर बिकता है.

यह बकरी साल में दो बार बच्चे देती है और एक बार में अक्सर दो बच्चे जन्म लेती है, जिससे मुनाफा दोगुना होता है.

बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण किसान हर साल अपनी इनकम बढ़ा सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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