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बकरियों को हर तीन महीने पर कीड़े मारने की दवा दें. इससे आंतों में कीड़े नहीं पनपते और पाचन भी सही रहता है
गंदा पानी डायरिया और संक्रमण की सबसे बड़ी वजह है. साफ, उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिलाएं.
बारिश में फफूंद लगे या सड़ा गला चारा न खिलाएं. इससे पेट खराब और कीड़े की समस्या हो सकती है.
अगर बकरी को बार-बार पतला मल हो रहा है तो देरी न करें, तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें.
चारे को नमी और गंदगी से बचाकर रखें. गीले चारे में बैक्टीरिया पनपते हैं जो पेट की बीमारियां बढ़ाते हैं.
मानसून में खेतों में पानी और गंदगी के कारण परजीवी फैलते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है.
बकरी की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आहार में मिनरल मिक्सचर शामिल करें.
अगर किसी बकरी को दस्त या कीड़ों की शिकायत है, तो उसे बाकी जानवरों से अलग रखें ताकि संक्रमण न फैले.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.