सर्दियों में अगर पशुओं के लिए हरे चारे की कमी से परेशान हैं, तो बरसीम की खेती आपके लिए समाधान है. 

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यह फसल न सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ाती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी सुधारती है.

बरसीम सर्दियों में लगातार हरा चारा उपलब्ध कराता है, जिससे दूध उत्पादन में कमी नहीं आती.

इसमें लगभग 20% प्रोटीन होता है, जो गाय, भैंस, बकरी और भेड़ों के लिए बेहद पौष्टिक है.

एक बार बोने पर किसान 5 से 7 बार तक बरसीम की कटाई कर सकते हैं — महीनों तक हरियाली बनी रहती है.

बुवाई के 55-60 दिन बाद पहली कटाई की जा सकती है और हर 25-30 दिन में अगली कटाई संभव है.

बरसीम वायुमंडलीय नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थिर कर अगली फसलों की पैदावार भी बढ़ाती है.

पहली सिंचाई 4-5 दिन बाद करें, फिर हर 10-12 दिन में हल्की सिंचाई से फसल स्वस्थ रहती है.

कीट नियंत्रण के लिए नीम का छिड़काव या गोमूत्र आधारित घोल का इस्तेमाल किया जा सकता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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