पूसा मस्टर्ड-32 एक हाई यील्डिंग किस्म है, जिसे ICAR-IARI ने खासतौर पर ज्यादा उत्पादन के लिए विकसित किया है. 

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Editor - Isha Gupta

यह परंपरागत किस्मों की तुलना में बेहतर उपज और गुणवत्ता देती है, जिससे किसानों को सीधा लाभ होता है.

पूसा मस्टर्ड-32

इस किस्म से प्रति हेक्टेयर औसतन 25-27 क्विंटल तक उपज मिलती है, जो आम सरसों की तुलना में कहीं अधिक है. 

25-27 क्विंटल उपज

इसमें तेल की मात्रा करीब 40 प्रतिशत तक होती है, जिससे तेल मिलों को ज्यादा शुद्ध तेल निकालने में मदद मिलती है. 

तेल की मात्रा

इस किस्म में इरूसिक एसिड की मात्रा कम होती है जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है. 

हेल्थ फ्रेंडली

पूसा मस्टर्ड-32 केवल 100-105 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जिससे यह जल्दी कटाई के लिए उपयुक्त है. 

तैयार होने में कम समय

यह किस्म कीट और बीमारियों के प्रति अधिक सहनशील है, जिससे किसानों को स्प्रे और दवा पर कम खर्च करना पड़ता है. 

कम खर्च 

1 हेक्टेयर खेत से किसान करीब 1 लाख से 1.10 लाख रुपये तक की आमदनी आसानी से कमा सकते हैं. 

किसानों की पसंद

पूसा मस्टर्ड-32 की पैदावार और गुणवत्ता के चलते यह सरसों उत्पादक राज्यों में तेजी से लोकप्रिय हो रही है. 

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पैदावार और गुणवत्ता

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