छठ पूजा में ठेकुआ केवल प्रसाद नहीं, बल्कि छठी मैया और सूर्य देव को खुश करने का तरीका है. 

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ठेकुआ छठी मैया का सबसे प्रिय प्रसाद माना जाता है. इसे चढ़ाने से व्रती और उनके परिवार पर देवी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.

ठेकुआ का गोल आकार और सामग्री सूर्य की तरह तेज और ऊर्जा से भरपूर होती है. यह सूर्य देव की उपासना का प्रतीक है.

छठी मैया को ठेकुआ चढ़ाने से घर में संपन्नता, सुख और शांति बनी रहती है. यह पारिवारिक समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

गेहूं और गुड़ से बना ठेकुआ शरीर को गर्मी और ऊर्जा देता है. खासकर ठंड के मौसम में यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है.

ठेकुआ को साफ-सुथरे वातावरण और मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है. यह छठ पूजा की भक्ति और पवित्रता को दर्शाता है.

नई फसल के आभार स्वरूप ठेकुआ बनाया जाता है. इसमें उपयोग किए गए गेहूं का प्रतीक नई फसल की समृद्धि और कृतज्ञता है.

ठेकुआ बांटकर परिवार, मित्र और पड़ोसियों में प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाया जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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