छठ महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर से होगी. सूर्य उपासना के इस पावन पर्व में अर्घ्य देने की परंपरा का विशेष महत्व है. 

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इस साल छठ महापर्व 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है.

व्रती महिलाएं पहले डूबते सूर्य और फिर अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करती हैं.

मान्यतानुसार, छठ में अर्घ्य हमेशा दूध से दिया जाता है. कई लोग दूध में थोड़ा जल मिलाकर भी अर्पण करते हैं.

कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने अपने पुत्र को श्राप दिया था, जिसे छठ के दिन सूर्य को दूध से अर्घ्य देने पर मुक्ति मिली.

छठ में अर्घ्य के लिए सिर्फ उसी गाय का दूध उपयोग करना चाहिए जिसका बछड़ा जीवित हो. यह सबसे पवित्र माना गया है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भैंस का दूध या उस गाय का दूध जिसका बछड़ा मर चुका हो, अर्घ्य में नहीं देना चाहिए.

पहले दूध से अर्घ्य दें और फिर जल से. यही विधि सबसे शुभ और पारंपरिक मानी जाती है.

अर्घ्य देते समय मन में श्रद्धा और शुद्धता रखें. दूध या जल दोनों ही शुद्ध पात्र में होने चाहिए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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