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इस दिन घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का एकमुखी दीपक जलाना शुभ माना जाता है. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है.
पूजा के बाद यम का दीया घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखा जाता है क्योंकि यह यम दिशा मानी जाती है.
मान्यता है कि एक बार यम का दीपक रख देने के बाद उसके पास नहीं जाना चाहिए, वरना शुभ प्रभाव कम हो सकता है.
यम के लिए मिट्टी का बड़ा चौमुखा दीपक लेना चाहिए, जो स्थिरता और चारों दिशाओं में शुभता का प्रतीक है.
दीपक में चार बत्तियां लगाकर सरसों का तेल भरें, यह चारों दिशाओं में प्रकाश फैलाने का संकेत देता है.
प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के बाद दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है. परिवार के सभी सदस्य इसमें शामिल हों.
दीपक जलाने के बाद उसे घर के कोने-कोने में घुमाएं ताकि हर कोना प्रकाश और सकारात्मकता से भर जाए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.