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यह भैंस रोजाना 18 से 25 लीटर तक दूध देती है, जो छोटी डेयरी यूनिट्स के लिए बेहद फायदेमंद है.
मुर्रा भैंस के दूध में लगभग 7% फैट होता है, जिससे यह दूध ज्यादा मलाईदार और पोषक होता है.
यह भैंस दुनिया की सबसे ज्यादा दूध देने वाली प्रजातियों में गिनी जाती है, खासकर भारत और पाकिस्तान में.
मुर्रा भैंस 2 से 3 साल की उम्र में ही ब्रीडिंग के लिए तैयार हो जाती है, जिससे इनका प्रजनन चक्र तेज होता है.
यह प्रजाति हर दो साल में एक बछड़े को जन्म देती है, जिससे डेयरी में निरंतर उत्पादन बना रहता है.
मुर्रा भैंस के सींग जलेबी की शेप जैसे गोल घुमावदार होते हैं, जो इसकी पहचान में मदद करते हैं.
भारत में दूध के व्यापार और डेयरी फार्मिंग में मुर्रा भैंस सबसे अधिक पाले जाने वाली नस्ल है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.