अगर पशुपालक सही समय पर देखभाल न करें तो सर्दियों में दूध आधा हो जाता है. 

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लेकिन कुछ आसान देसी उपाय और सही प्रबंधन अपनाकर ठंड के मौसम में भी पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है.

सर्दियों में पशुओं का शरीर तापमान बनाए रखने में ज्यादा ऊर्जा खर्च करता है. इसलिए शाम होते ही उन्हें खुले में न छोड़ें. 

जहां पशु रहते हैं वहां नमी बिल्कुल न जमे. हल्की हवा का रास्ता होना जरूरी है, लेकिन सीधी ठंडी हवा न लगे. 

ठंड में चारे की मात्रा 20–30% बढ़ा दें. भूसा, चोकर, दलिया, सरसों की खली और प्रोटीन-युक्त चारा देना जरूरी है. 

सर्दियों में शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा चाहिए होती है. अगर आहार कमज़ोर रहा तो पशु का दूध आधा भी हो सकता है. 

ठंड में पशु ठंडा पानी पीना कम कर देते हैं. दिन में 2–3 बार गुनगुना पानी दें ताकि दूध उत्पादन तेज हो. 

गंदा या जमा हुआ ठंडा पानी पिलाने से पशु बीमार पड़ते हैं. साफ गर्म पानी पेट को आराम देता है.

नमी और गंदगी बैक्टीरिया को पनपने का सबसे बड़ा कारण होती है. सर्दियों में यह और खतरनाक हो जाती है. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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