वाराणसी की गलियों में जब गंगा किनारे लाखों दीये जल उठते हैं, तो लगता है जैसे धरती पर खुद स्वर्ग उतर आया हो. 

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यही है देव दीपावली, वह पावन रात जब देवता खुद गंगा स्नान करने आते हैं और वाराणसी प्रकाश से नहा उठती है.

साल 2025 में देव दीपावली का पर्व 5 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा. यह दिन कार्तिक पूर्णिमा को पड़ता है.

इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. यह अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक पर्व है.

देव दीपावली का प्रदोषकालीन मुहूर्त शाम 5:15 से 7:50 तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि लगभग 2 घंटे 35 मिनट होगी.

वाराणसी में इस दिन हजारों भक्त सुबह-सुबह गंगा स्नान करते हैं और शाम को दीपदान करते हैं. 

दशाश्वमेध घाट की भव्य गंगा आरती देव दीपावली का मुख्य आकर्षण होती है. 

यह पर्व केवल रोशनी का नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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