दिवाली पर पटाखों की चमक तो सबको भाती है, लेकिन अब वक्त है ‘ग्रीन पटाखों’ का! 

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ये नए जमाने के पटाखे कम प्रदूषण फैलाते हैं और पर्यावरण के लिए ज्यादा सुरक्षित हैं. आइए जानें कैसे

ग्रीन पटाखे दिखने और जलने में बिल्कुल पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं, लेकिन ये कम हानिकारक गैस छोड़ते हैं.

इन पटाखों को तैयार करने में ऐसे केमिकल्स का उपयोग किया जाता है जो प्रदूषण को 30–40% तक कम करते हैं.

ग्रीन पटाखे जलाने से सामान्य पटाखों की तुलना में करीब 40–50% कम सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड निकलती हैं.

इन पटाखों में सल्फर और नाइट्रोजन कम होते हैं, जिससे हवा में धुआं और गंध कम फैलती है.

कुछ ग्रीन पटाखे ऐसे भी होते हैं जिनसे जलने पर हल्की खुशबू आती है. ये आसपास के माहौल को ताजा रखते हैं.

जहां सामान्य पटाखों की आवाज करीब 160 डेसीबल होती है, वहीं ग्रीन पटाखों की सिर्फ 110 डेसीबल होती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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