अगर तालाब का पानी काला दिखे तो यह ऑक्सीजन की कमी और जैविक असंतुलन का संकेत है.

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अत्यधिक वर्षा के कारण खेतों से बहकर गोबर, खाद और अन्य कचरा तालाब में पहुंचता है, जिससे पानी की गुणवत्ता गिरती है.

ऑक्सीजन की कमी से फायदेमंद बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिससे कीचड़ बढ़ता है और मछलियों के लिए जल विषैला हो जाता है.

नियमित रूप से pH, ऑक्सीजन और अन्य केमिकल तत्वों की जांच से पानी की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सकता है.

ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति के लिए तालाब में एयररेटर्स (हवा छोड़ने वाली मशीनें) लगाना फायदेमंद है.

तालाब में गिरे पत्ते, पौधे, गोबर आदि को समय-समय पर निकालते रहें ताकि जैविक संतुलन बना रहे.

तालाब में 80 किग्रा प्रति एकड़ की दर से चूना डालें. इससे पानी का pH बैलेंस बना रहता है और मछलियों को नुकसान नहीं होता.

तालाब में ज्यादा मछलियों की वजह से ऑक्सीजन की खपत बढ़ जाती है, इसलिए संख्या को संतुलित रखना जरूरी है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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