नींबू-संतरे का बोन्साई न केवल सजावट के लिए बल्कि खुशबू और ताजे फलों के लिए भी शानदार विकल्प है.

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नींबू, मौसंबी और संतरे के छोटे बोन्साई पौधे बेहद खूबसूरत दिखते हैं. इनमें से आने वाली खुशबू घर को ताजगी से भर देती है.

भारतीय मौसम में मेयर लेमन, कैलामोंडिन, कागजी नींबू और किन्नू जैसी किस्में बोन्साई के लिए परफेक्ट रहती हैं. 

14–18 इंच गहरा गमला और नीचे ड्रेनेज होल जरूरी हैं ताकि जड़ों में पानी न रुके. 

सिट्रस बोन्साई को रोजाना 5–6 घंटे की सीधी धूप चाहिए. अगर धूप एक तरफ से आती है, तो हर कुछ दिनों में गमले का रुख बदलें.

मिट्टी हल्की नम रहे, लेकिन कभी भी ज्यादा गीली न हो. गर्मियों में रोज पानी दें जबकि सर्दियों में कम. 

लंबे हिस्से काटें, शाखाओं को दिशा देने के लिए तार लगाएं और हर 2–3 साल में जड़ों की हल्की छंटाई करें. 

हर महीने नीम की खल्ली या जैविक खाद डालें. इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और पौधा बेहतर फल देता है.

सिट्रस बोन्साई हवा को शुद्ध करता है, कीटों को दूर रखता है और बालकनी को नेचर-फ्रेंडली बनाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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