हींग न केवल भारतीय रसोई का मसाला है, बल्कि यह दिमाग तेज करने और सांस से जुड़ी बीमारियों में भी लाभदायक है.

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हींग का पौधा गर्म जलवायु में बेहतर बढ़ता है. इसके लिए फरवरी से अप्रैल या सितंबर से नवंबर का समय सबसे बेस्ट है.

हींग की जड़ें काफी गहराई तक जाती हैं, इसलिए इसे उगाने के लिए चौड़ा और गहरा गमला चुनें.

हींग के लिए अच्छी जल निकासी वाली, रेतीली और हल्की मिट्टी सबसे बेहतर रहती है. इससे जड़ों को पोषण मिलता है.

हींग के बीजों को 1–2 सेमी गहराई में बोएं और तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें. अधिक गहराई या भारी पानी से बीज सड़ सकते हैं.

हींग का पौधा नमी और अधिक पानी को पसंद नहीं करता. इसीलिए इसे ज़रूरत से ज़्यादा न सींचें, मिट्टी को हल्का नम ही रखें.

पौधे को पोषण देने के लिए जैविक खाद या वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल करें. रासायनिक खाद से बचें.

हींग के पौधे को बढ़ने के लिए रोजाना 5–6 घंटे की सीधी धूप चाहिए होती है. इसलिए गमले को धूप वाली जगह पर रखें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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