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सुबह पानी देने से पौधे दिन की रोशनी और तापमान के लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं, जिससे उनकी ग्रोथ बेहतर होती है.
इस समय मिट्टी में नमी धीरे-धीरे फैलती है और पानी दिनभर में प्राकृतिक रूप से सूख जाता है.
रात में मिट्टी देर तक गीली रहती है, जिससे जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधे में फफूंदी या कीट संक्रमण बढ़ सकता है.
लगभग 2 इंच मिट्टी अगर सूखी हो तभी पानी डालें. नमी बनी हो तो पानी न देने से पौधा ओवरवाटरिंग से बचता है.
तेजी से डाला गया पानी ऊपर ही बह जाता है. हल्के हाथ से डालने पर पानी गहराई तक पहुंचता है.
जब ड्रेनेज होल से पानी बहने लगे, यह संकेत है कि मिट्टी पूरी तरह संतृप्त हो चुकी है और पौधे को पर्याप्त नमी मिल गई है.
बहुत ठंडा या ज्यादा गरम पानी जड़ों को शॉक दे सकता है, जिससे पौधे की वृद्धि धीमी पड़ जाती है.