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फूलों, सब्जियों या औषधीय पौधों के लिए मिट्टी अलग-अलग होती है.
आपके क्षेत्र की नमी, तापमान और बारिश की मात्रा भी मिट्टी के चुनाव को प्रभावित करती है.
बलुई मिट्टी रेत जैसी होती है, जिससे पानी तेजी से निकल जाता है. हालांकि इसमें जरूरी पोषक तत्व कम होते हैं.
चिकनी मिट्टी में पोषण तो काफी होता है, लेकिन जल निकासी में दिक्कत आती है. इसलिए इसे रेत या खाद के साथ उपयोग करें.
दोमट मिट्टी रेत, चिकनी और गाद का संतुलित मिश्रण होती है. ये जल निकासी और पोषण दोनों में बेहतरीन.
लैटेराइट मिट्टी में आयरन और एल्युमिनियम की मात्रा ज्यादा होती है. यह गर्म और नमी वाले क्षेत्रों के लिए उत्तम मानी जाती है.
जैविक मिट्टी में कंपोस्ट, गोबर खाद और वर्मी कम्पोस्ट मिला होता है. यह मिट्टी पूरी तरह ऑर्गेनिक होती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.