वेजिटेरियन फूड्स में B12 बहुत कम पाया जाता है, इसलिए इसमें कमी का खतरा सबसे अधिक होता है.

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थकान, चक्कर, जीभ में सूजन, स्किन पीली पड़ना, झनझनाहट और भूलने की समस्या इसके प्रमुख संकेत हैं.

पाचन की गड़बड़ी, पर्निशियस एनीमिया, सर्जरी, शराब का सेवन और गैस्ट्रिक इंफ्लामेशन मुख्य वजहें हो सकती हैं.

विटामिन B12 की कमी को नेजल स्प्रे, नेजल जेल, ओरल मेडिकेशन और इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन से पूरा किया जा सकता है.

रेड मीट, मछली, अंडा, दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स विटामिन B12 के बेहतरीन स्रोत हैं.

ब्रेकफास्ट सीरियल्स, न्यूट्रिशनल यीस्ट और प्लांट मिल्क जैसे फूड्स में कृत्रिम रूप से B12 जोड़ा जाता है.

पाचन तंत्र की कमजोरी B12 के अवशोषण को रोक सकती है, इसलिए इसे हेल्दी रखना जरूरी है.

शराब का सेवन न करें और संतुलित आहार अपनाएं, ताकि शरीर में B12 का लेवल संतुलित बना रहे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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