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ग्रामीण मान्यताओं के बावजूद, सांप किसी व्यक्ति का चेहरा या फोटो याद नहीं रख सकते.
सांपों की आंखें पलक से ढकी नहीं होतीं, बल्कि पारदर्शी ब्रिल आंखों की सुरक्षा करती है.
सांप का दिमाग सरल होता है. उनके पास इंसानों जैसी याददाश्त नहीं होती. वे सिर्फ खतरा महसूस होने पर ही हमला करते हैं.
मरे सांप की खुली आंखों में प्रकाश का प्रतिबिंब देखकर लोग समझते हैं कि उसने फोटो कैद की है, लेकिन यह केवल दृश्य भ्रम है.
सांप सामाजिक प्राणी नहीं होते और किसी से बदला लेने की क्षमता नहीं रखते.
सांप अपने शिकार या खतरे का पता गंध और कंपन के जरिए लगाते हैं, चेहरा पहचानने से नहीं.
मिथक से डरने की बजाय, सांपों को सुरक्षित दूरी पर रखें और किसी को मारने की कोशिश न करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.