Photo Credit: Canva
कथा के अनुसार करवा चौथ व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव की लंबी आयु के लिए किया था.
एक अन्य मान्यता है कि ब्रह्मा जी के कहने पर देवताओं ने भी करवा चौथ का व्रत रखा था.
महाभारत काल में द्रौपदी ने पांडवों को संकट से बाहर निकालने के लिए यह व्रत किया था, जिससे उन्हें विजय मिली.
कथा के अनुसार करवा माता ने अपने पति की रक्षा के लिए इस व्रत का पालन किया और उनका जीवन बचाया.
करवा माता की निष्ठा से प्रभावित होकर यमदेव ने उनके पति को पुनः जीवनदान दिया.
सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत करती हैं और दिनभर बिना पानी व भोजन के रहकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खोला जाता है, जो आस्था और प्रेम का प्रतीक है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.