बरसात में गमलों में पानी भर जाता है, जिससे जड़ें सड़ने लगती हैं. ऐसे में सुनिश्चित करें कि गमले में निकासी सही हो.

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पौधों को बारिश में भी धूप और ताजा हवा की जरूरत होती है. उन्हें ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 3–4 घंटे धूप मिल सके.

बारिश में कीड़े लगना आम बात है. इससे बचाव के लिए हर हफ्ते नीम के तेल का छिड़काव करें.

गीली मिट्टी में पोषक तत्व बह जाते हैं. पौधों को हेल्दी रखने के लिए नियमित रूप से जैविक खाद या वर्मी कम्पोस्ट दें.

बारिश में मिट्टी जम जाती है जिससे ऑक्सीजन की कमी होती है. हल्के हाथों से मिट्टी को ढीला करें.

भारी बारिश में पौधों को बचाने के लिए तिरपाल या प्लास्टिक कवर का सहारा लें, लेकिन हवा का रास्ता खुला रखें.

भीगने की वजह से पत्तियां गल जाती हैं. इन्हें समय पर हटा देना जरूरी है वरना फंगल इंफेक्शन फैल सकता है.

बरसात में मिट्टी पहले से नम होती है, इसलिए अलग से पानी न डालें. जरूरत होने पर ही पानी दें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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