चूजे बेहद संवेदनशील होते हैं. उन्हें लाने से पहले बाड़े को अच्छे से कीटाणुनाशक से साफ करें और दीवारों पर स्प्रे जरूर करें.

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चूजे वहीं से खरीदें जहां जन्मजात बीमारी का रिकॉर्ड न हो. उन्हें रानीखेत (F1 स्ट्रेन) और मेरेक्स का टीका लगा हो, यह पुष्टि करें.

चूजे न ज्यादा गर्मी सह सकते हैं न ठंड. इसलिए बाड़े में तापमान नियंत्रण की उचित व्यवस्था पहले से कर लें.

पहले 7-8 हफ्तों तक स्टार्टर, फिर ग्रोवर और फिर लेयर फीड दें. एक चूजे को 12-13 किलो संतुलित दाने की जरूरत होती है.

खाने के दाने हमेशा ताजे और पोषक तत्वों से भरपूर हों. इससे चूजे तेज़ी से बढ़ते हैं.

दाने नमी वाली जगह में न रखें. फफूंदी लग सकती है जो चूजों में बीमारी फैला सकती है. 

अगर किसी चूजे में बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत उसे अलग बाड़े में रखें ताकि संक्रमण बाकी चूजों में न फैले.

मुर्गी पालन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप शुरुआती सावधानियों को कितना गंभीरता से लेते हैं. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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