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यह गाय रोजाना औसतन 10 से 16 लीटर तक दूध देती है, जिससे यह डेयरी उद्योग के लिए बेहद लाभदायक साबित होती है.
साहीवाल गाय सामान्यतः लगभग 10 महीने तक दूध देती है, जो इसे अन्य नस्लों से अधिक उपयोगी बनाता है.
इस नस्ल की उत्पत्ति पाकिस्तान के साहीवाल जिले से हुई है और बाद में यह भारत के कई राज्यों में लोकप्रिय हो गई.
साहीवाल गाय विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में देखी जाती है.
यह नस्ल गर्म और आर्द्र जलवायु में भी अच्छे से जीवित रहती है, जिससे यह भारतीय किसानों के लिए उपयुक्त बनती है.
साहीवाल गाय को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती और कम चारे में भी यह अच्छा दूध उत्पादन करती है.
शांत स्वभाव और देखभाल में आसानी के कारण यह नस्ल व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी बेहद लाभदायक है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.