पेट के कीड़ों से बचाने के लिए पशुओं को हर 3 महीने में डीवेरमैक्स या अन्य डीवर्मिंग दवा देना जरूरी है.

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दवा देने से पहले पशु के गोबर की जांच करवा लें ताकि सही दवा और डोज तय की जा सके.

टीका लगाने से पहले पेट के कीड़ों की दवा देना जरूरी होता है, ताकि टीके का असर बेहतर हो.

पेट के कीड़े गंदे, सड़े-गले चारे से जल्दी पनपते हैं. इसलिए केवल साफ और सूखा चारा ही दें.

कीड़ों की वजह से पशु की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है जिससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों गिरती है.

कीड़े पशु के शरीर से खून और पोषक तत्व चूसते हैं, जिससे एनीमिया जैसी स्थिति हो सकती है.

पेट के कीड़े पशु को कमजोर और सुस्त बना देते हैं, जिससे उसकी कार्य क्षमता घट जाती है.

पशुओं के रहने की जगह और बर्तन हमेशा साफ रखें, जिससे कीड़ों की आशंका कम हो सके.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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