देसी मुर्गी पालन में न शोर है, न भारी खर्च. बस कुछ चूजे पालिए और कुछ महीनों में ही अंडों से लाखों की कमाई करें.

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ये मुर्गी 18-19 हफ्ते में अंडा देना शुरू कर देती है और साल में औसतन 290 अंडे देती है. 

कृषि लेयर मुर्गी का एक चूजा ₹40-₹45 में बिकता है. यानी कमाई की शुरुआत चूजा बेचना से शुरू हो जाती है.

ग्रामप्रिया, निकोबरी और कड़कनाथ जैसी देसी नस्लें कम अंडे देती हैं, लेकिन इनका एक अंडा ₹30-₹35 में बिकता है. 

कड़कनाथ का अंडा और मांस दोनों ही हेल्दी माने जाते हैं. इसलिए बाजार में इसकी भारी डिमांड है.

असील मुर्गी कम अंडे देती है, पर एक अंडा ही ब्रांड है. सर्दियों में इसका अंडा ₹100 तक बिकता है. 

शहरों और फार्म हाउस में देसी अंडों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. लोग केमिकल फ्री और देसी उत्पादों की तरफ लौट रहे हैं.

सरकारी हैचरीज से देसी नस्ल के अंडे और चूजे आसानी से मिल जाते हैं. कई जगह मुर्गी पालन के लिए सब्सिडी भी दी जाती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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