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कार्ड फेंके जाते ही पवित्र छवियों का अनादर हो जाता है, इसलिए प्रेमानंद महाराज इसे गलत मानते हैं.
प्रेमानंद महाराज का मानना है कि शादी के कार्ड्स पर भगवान की तस्वीरें छापना धार्मिक दृष्टि से उचित नहीं है.
कार्ड सीमित समय के लिए उपयोग में आता है और एक-दो दिन बाद बेकार होकर फेंक दिया जाता है.
जब ये कार्ड कबाड़ में जाते हैं, तो भगवान की पवित्र छवि का अनजाने में अपमान हो जाता है.
लोग अक्सर शिव–पार्वती, राम–सीता जैसी दिव्य छवियां प्रिंट करा देते हैं, जो बाद में कूड़े में मिलने लगती हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान के किसी भी रूप का अपमान नहीं होना चाहिए, चाहे वह फोटो ही क्यों न हो.
महाराज ने यह भी कहा कि कार्ड पर देवी-देवताओं की फोटो लगाना परंपरा का अनादर है, इसलिए इससे बचना चाहिए.
उनके अनुसार, कार्ड्स को सरल रखें और पवित्र छवियों को उनकी गरिमा के अनुसार सम्मानित स्थान ही दें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.