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उनके अनुसार जितना अधिक हम नाम जप करेंगे, उतना ही हमारे जीवन के पुराने पाप धीरे-धीरे समाप्त होंगे.
जब पाप कम होते हैं तो सफलता के द्वार खुलने लगते हैं. असफलता का कारण ही पुराने पाप हैं.
महाराज जी कहते हैं, हम जितनी मेहनत करते हैं, उसके अनुसार फल नहीं मिलता तो इसका कारण पूर्व जन्म या जीवन के पाप हैं.
उन्होंने बताया कि जब हम भजन में मन लगाते हैं तो न सिर्फ पाप मिटते हैं, बल्कि वर्तमान जीवन भी सुखद बनता है.
यदि बार-बार असफलता मिल रही है, तो समझिए कि आपके पूर्व पाप आज भी आपका पीछा कर रहे हैं.
सिर्फ सांसारिक मेहनत काफी नहीं है, अध्यात्मिक साधना भी जरूरी है ताकि जीवन में संतुलन और सफलता आए.
नाम जप और भजन से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और असफलता का भय हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.