प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि लोग केवल भौतिक सफलता के लिए प्रयास करते हैं, लेकिन आध्यात्मिक शुद्धि का प्रयास नहीं करते.

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अगर पूर्व जन्म या जीवन के पाप कर्म नष्ट नहीं हुए हों, तो वो आज की मेहनत को निष्फल कर सकते हैं.

सिर्फ पढ़ाई, मेहनत या धन कमाने से काम नहीं चलता जब तक भीतर से पवित्र नहीं होंगे, तब तक सफलता अधूरी रह सकती है.

महाराज जी के अनुसार, भजन, सेवा और परोपकार जैसे आध्यात्मिक प्रयास जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं.

वे सलाह देते हैं कि 'राधे-राधे' का निरंतर जप करें. इससे चित्त शुद्ध होता है और जीवन की कठिनाइयां धीरे-धीरे दूर होती हैं.

इस भैंस के दूध में फैट की मात्रा 8-12% तक होती है. इस वजह से बाजार में इसका दूध भी महंगा बिकता है.

केवल 4 दिन नाम जप करके उम्मीद करना कि सब कुछ बदल जाएगा. ये सही सोच नहीं है. आध्यात्मिक मार्ग पर धैर्य जरूरी है.

महाराज बताते हैं कि कई लोग बिना अधिक प्रयास के सफल हो जाते हैं क्योंकि उनके पूर्व जन्म के पुण्य कर्म उनका साथ देते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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