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संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठना आपके जीवन को सार्थक बनाता है.
सुबह 4 से 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है, जो मेडिटेशन और जाप के लिए सबसे शुभ माना गया है.
इस समय उठने से शरीर हल्का और दिनभर एनर्जेटिक बना रहता है.
मेडिटेशन और ध्यान ब्रह्म मुहूर्त में करने से तनाव और चिंता काफी हद तक कम हो जाते हैं.
जल्दी उठकर पढ़ाई या काम करने वाले लोग निर्णय लेने और एकाग्रता में दूसरों से आगे रहते हैं.
सुबह की ताजी हवा और प्राकृतिक ऊर्जा शरीर और मन दोनों को संतुलित रखती है.
देर तक सोने से आलस्य, मोटापा, सुस्ती और मानसिक बेचैनी बढ़ती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.