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अगर आपको बेलपत्र में तीन से ज्यादा पत्ते जैसे पांच, सात या ग्यारह मिलें, तो यह अत्यंत शुभकारी होता है.
बेलपत्र में कोई छेद या कट नहीं होना चाहिए. मुड़ा या फटा हुआ बेलपत्र अर्पित करना अशुभ माना जाता है.
अगर सावन में "राम" नाम लिखे हुए 11, 21, 51 या 108 बेलपत्र चढ़ाते हैं, तो भोलेनाथ और श्रीराम दोनों का आशीर्वाद मिलता है.
सावन में बेलपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. यह आध्यात्मिक शुद्धि का साधन भी बनता है.
चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या, संक्रांति और सोमवार को बेलपत्र तोड़ना वर्जित है. एक दिन पहले ही बेलपत्र तोड़ लें.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, बेलपत्र बासी नहीं होता. एक दिन पहले तोड़ा गया बेलपत्र भी वह शिव पूजा में स्वीकार्य होता है.
अगर कभी पांच पत्तों वाला बेलपत्र मिल जाए तो उसे पूजा के बाद घर ले जाकर शीशे में बंद कर मंदिर में रखें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.