रुद्राक्ष पहनने से पहले उसे गंगाजल या साफ जल से धोना जरूरी है. इससे उसकी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है.

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इसे हमेशा लाल या पीले रंग के सूती धागे में गूंथकर पहनना शुभ माना गया है. इससे इसकी ऊर्जा संतुलित रहती है.

“ॐ नमः शिवाय” या “ॐ रुद्राय नमः” मंत्र का कम से कम 9 बार जाप करके रुद्राक्ष को धारण करें, ताकि यह जाग्रत हो सके.

महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह समय अशुद्धि का माना जाता है.

रुद्राक्ष पहनने के बाद तामसिक आचरण से बचना चाहिए, वरना इसके प्रभाव नकारात्मक हो सकते हैं.

जो लोग पढ़ाई, ध्यान या मानसिक कार्य करते हैं, उनके लिए रुद्राक्ष बेहद लाभकारी होता है. यह मन को शांत करता है.

रुद्राक्ष बुरी नजर से बचाता है और बुध ग्रह को मजबूत करता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार और मानसिक संतुलन बना रहता है.

धार्मिक कार्यों से जुड़े लोगों के लिए यह एक आत्मिक ऊर्जा का स्रोत है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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