शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल, बेलपत्र, भांग, दूध आदि को "प्रसाद" नहीं बल्कि अभिषेक सामग्री माना जाता है. 

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर चढ़ी सामग्री में तीव्र आध्यात्मिक ऊर्जा होती है. इन्हें ग्रहण नहीं करना चाहिेए.

तांत्रिक शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग की ऊर्जा इतनी शक्तिशाली होती है कि इसे शरीर में लेना नुकसानदेह हो सकता है. 

स्कंद पुराण, पद्म पुराण और शिव पुराण में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि शिवलिंग पर चढ़ाई गई चीजें खाने योग्य नहीं हैं.

शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को पीने के बजाय तुलसी के पौधे में डालना शुभ माना गया है. 

पूजा में इस्तेमाल बेलपत्र, धतूरा, और फूलों को वृक्ष के नीचे रखें या किसी पवित्र बहते जल में प्रवाहित करें.

अगर आप शिवजी को भोग अर्पित करना चाहते हैं, तो फल, मिठाई या पंचामृत को अलग से अर्पित करें. 

यदि आप अनजाने में शिवलिंग का प्रसाद खाते रहे हैं, तो अब सचेत रहें. आपकी शुद्ध भक्ति तभी सफल होगी.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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