प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि शिवजी की पूजा करने के लिए महंगे संसाधनों की जरूरत नहीं, चुल्लू भर पानी भी काफी है.

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धतूरा, बेलपत्र, अकौड़े के फूल और गंगाजल—ये चीजें महादेव की पूजा में जरूर शामिल करें, ये उन्हें प्रिय हैं.

महाराज के अनुसार, महादेव भाव के भूखे हैं. यदि कोई श्रद्धा से पूजा करता है, तो शिव उसकी भक्ति स्वीकार करते हैं.

चलते-फिरते, उठते-बैठते भी अपने आराध्य शिव का स्मरण करते रहें, यही सच्ची भक्ति का मार्ग है.

प्रेमानंद महाराज शिव की कृपा पाने के लिए ‘सांब सदाशिव’ मंत्र के नियमित जाप की सलाह देते हैं.

महाराज जी के अनुसार काशी से आई रुद्राक्ष की माला को धारण करना शिवभक्तों के लिए बेहद शुभ माना गया है.

प्रेमानंद जी बताते हैं कि भगवान राम ने भी कहा था कि शिव की पूजा के बिना विशुद्ध भक्ति नहीं मिल सकती.

राजा हो या आमजन, शिव भक्ति में सब समान हैं. हाथ जोड़कर विनती करने से भोलेनाथ अवश्य प्रसन्न होते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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