नवरात्रि का समापन केवल मां दुर्गा की विदाई नहीं, बल्कि नए आरंभ और सौभाग्य का संकेत भी है. 

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दशमी तिथि को कलश विसर्जन कर मां दुर्गा को विदा किया जाता है, जिससे जीवन में समृद्धि और शांति बनी रहती है.

साल 2025 में दशमी तिथि 1 अक्टूबर की शाम से 2 अक्टूबर की शाम तक रहेगी. 

विसर्जन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि यह पूजा की पूर्णता और सकारात्मकता का प्रतीक भी है.

कलश पर रखा नारियल उतारकर परिवार में बांट दें. इसे शुभ प्रसाद मानकर ग्रहण करना मंगलकारी होता है.

आम के पत्तों से कलश का जल घर में छिड़कें. यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर घर में सौभाग्य लाता है.

मिट्टी का कलश नदी या स्वच्छ जल में प्रवाहित करें. इसके साथ लौंग, सुपारी और कमलगट्टा भी विसर्जित किए जाते हैं.

कलश में रखी पूजा सामग्री नदी में प्रवाहित करना पूजा की पूर्णता और धार्मिक संतुलन का प्रतीक माना जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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