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इसके पहले दिन कलश स्थापना की जाती है, जिसे विशेष रूप से शुभ माना गया है.
कलश स्थापना के लिए शुभ समय सुबह 6:09 से 8:06 बजे तक रहेगा.
22 सितंबर को 11:49 से 12:38 बजे तक अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा.
दुर्गा पूजा का प्रारंभ 28 सितंबर 2025 से होगा, जब महा षष्ठी मनाई जाएगी.
इस साल नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी (दशहरा) पर होगा.
इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आएंगी, जिसे बेहद शुभ और मंगलकारी माना जाता है.
हाथी पर आगमन शांति, समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है, जो भक्तों के जीवन में सकारात्मकता लाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.