शारदीय नवरात्र 2025 में हवन का विशेष महत्व है. दुर्गा अष्टमी और महानवमी पर हवन करने से साधना पूर्ण होती है.

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हवन से पहले शुद्ध स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें, जिससे पूजा पवित्र और सफल होती है.

हवन कुंड या वेदी को अच्छे से साफ करें और पूजा सामग्री व्यवस्थित रखें.

हवन शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर देवी के सामने संकल्प लें.

आहुति देते समय नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' या दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप करें.

सभी देवी-देवताओं, नवग्रहों और अंत में माता दुर्गा को हवन सामग्री जैसे जौ, तिल, चावल, घी, गुग्गुल अर्पित करें.

हवन में कम से कम 108 आहुति देना सबसे शुभ माना जाता है, जिससे पूजा अधिक फलदायी होती है.

हवन के अंत में नारियल पर कलावा लपेटकर सुपारी, सिक्का आदि सामग्री घी में डुबोकर अग्नि को समर्पित करें.

हवन समाप्त होने के बाद माता की आरती करें और पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा प्रार्थना करें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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