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नवरात्रि 2025 के समापन पर, बोए हुए जौ को सम्मानपूर्वक उपयोग करना चाहिए. इसे फेंकना अशुभ माना जाता है.
जौ को मिट्टी सहित किसी पवित्र नदी जैसे गंगा में विसर्जित करें. यह माता को अर्पण है और पुण्य लाभ दिलाता है.
जौ को किसी पवित्र पेड़ जैसे पीपल के नीचे रखें. यह पर्यावरण को लाभ देता है और धार्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है.
जौ के अंकुर गाय को खिलाएं, क्योंकि गाय को मां का स्वरूप माना जाता है. इससे पुण्य मिलता है और आशीर्वाद बढ़ता है.
जौ को मंदिर में मां दुर्गा के चरणों में अर्पित करने से सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त होता है.
जौ को जलाना या कूड़े में फेंकना अशुभ है. इसे पवित्र मानकर सम्मानपूर्वक उपयोग करना चाहिए.
जौ के अच्छे अंकुर जीवन में समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक हैं. ज्योतिष में इसे सूर्य और गुरु ग्रह से भी जोड़ा जाता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.