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लगातार फेक आईलैशेज पहनने से आपकी असली पलकों की जड़ें कमजोर हो सकती हैं, जिससे वे टूटने या झड़ने लगती हैं.
आर्टिफिशियल आईलैशेज का बार-बार इस्तेमाल करने से नैचुरल आईलैशेज पतली हो जाती हैं और उनकी ग्रोथ भी धीमी हो सकती है.
नकली पलकों के लंबे समय तक इस्तेमाल से आंखों में जलन, चुभन और रेडनेस हो सकती है.
कभी भी नकली आईलैशेज पहनकर नहीं सोना चाहिए. इससे पलकों की जड़ें टूट सकती हैं और आंखों में संक्रमण हो सकता है.
फेक आईलैशेज चिपकाने में जो ग्लू इस्तेमाल होता है, उसमें कैमिकल्स होते हैं जो आंखों की स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
अगर नकली आईलैशेज की हाइजीन का ध्यान न रखा जाए तो उनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं.
लगातार सिंथेटिक आईलैशेज और कैमिकल ग्लू का इस्तेमाल आंखों को कमजोर कर सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.