बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने से दिमाग लगातार एक्टिव रहता है, जिससे नींद की अवस्था में मांसपेशियां झटके से रिएक्ट करती हैं.

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नींद पूरी न होने या थकान की वजह से शरीर रिलैक्स नहीं कर पाता, जिससे झटका महसूस होता है.

कॉफी, चाय या एनर्जी ड्रिंक का ज्यादा सेवन शरीर में कैफीन बढ़ा देता है, जो दिमाग को उत्तेजित रखता है.

अगर कोई व्यक्ति सोने से ठीक पहले एक्सरसाइज या कोई भारी काम करता है, तो मांसपेशियां रिलैक्स नहीं हो पातीं.

मैग्नीशियम, पोटैशियम, और कैल्शियम की कमी से मांसपेशियों की गतिविधियां अनियंत्रित हो जाती हैं, जिससे झटके महसूस होते हैं.

कुछ दवाएं जैसे एंटी-डिप्रेसेंट्स या न्यूरोलॉजिकल दवाएं मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच तालमेल को प्रभावित कर सकती हैं.

मायोक्लोनस एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमें नींद के दौरान मांसपेशियां अचानक सिकुड़ती हैं.

जब शरीर गहरी नींद में जाता है, तो दिमाग भ्रम की स्थिति में शरीर को चेतावनी देता है, जिससे हल्का झटका लगता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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