व्रत और पूजा के दौरान लहसुन-प्याज खाने की मनाही होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं क्यों?

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व्रत और पूजा में सात्विक आहार को प्राथमिकता दी जाती है. लहसुन और प्याज को तामसिक मानकर इससे परहेज किया जाता है.

आयुर्वेद के अनुसार प्याज-लहसुन आलस्य, क्रोध और नकारात्मकता बढ़ाते हैं, जो साधना और भक्ति में बाधा डालते हैं.

इनकी तीव्र गंध और स्वाद मन को भटकाते हैं, जिससे पूजा में ध्यान और एकाग्रता प्रभावित हो सकती है.

कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय राक्षसी प्रवृत्ति से लहसुन-प्याज उत्पन्न हुए, इसलिए ये पूजा में वर्जित माने जाते हैं.

इनमें मौजूद सल्फर यौगिक तीव्र गंध और उत्तेजना पैदा करते हैं, जो मन और शरीर को अस्थिर बना सकते हैं.

प्याज-लहसुन पाचन क्रिया को तेज कर देते हैं, जबकि व्रत का उद्देश्य शरीर को हल्का और शांत रखना होता है.

व्रत में फल, दूध, खीर, साबूदाना, सेंधा नमक और कुट्टू का आटा खाया जाता है, जो शरीर और मन को शुद्ध रखते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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