इस काल में ब्रह्मांड में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा होता है, जिससे शुभ कार्यों का असर उल्टा पड़ सकता है.

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मान्यता है कि रावण की बहन शूर्पणखा ने भद्राकाल में राखी बांधी थी, जिसके बाद रावण का सर्वनाश हुआ.

भद्राकाल को अशुभ काल माना गया है, जिसमें कोई भी मांगलिक या धार्मिक कार्य नहीं किए जाते.

राखी बांधने से पहले ज्योतिष से शुभ मुहूर्त जानना जरूरी है, क्योंकि गलत समय पर राखी बांधना दुर्भाग्य को आमंत्रण दे सकता है.

भद्राकाल में राखी बांधने से रिश्तों में मतभेद या मनमुटाव की संभावना बढ़ जाती है.

इस समय राखी बांधने से घर का सकारात्मक वातावरण प्रभावित हो सकता है और क्लेश बढ़ सकते हैं.

भद्राकाल में किया गया कोई भी शुभ काम, जैसे राखी बांधना, जीवन में कठिनाइयों को जन्म दे सकता है.

भद्राकाल में राखी बांधना धर्मशास्त्रों के नियमों के विरुद्ध माना गया है, जिससे धार्मिक दोष भी लग सकता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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