पंजाब में पराली जलाना एक बड़ा प्रदूषण का कारण है लेकिन इसे पशु चारे में बदलने से समस्या का समाधान किया जा सकता है.

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पराली को चारे के रूप में उपयोग करने के लिए, 30 लीटर पानी में 1 किलो यूरिया और 3 किलो गुड़ डालकर एक घोल तैयार करें.

इस घोल को 1 क्विंटल धान के भूसे पर छिड़ककर उसे टोटल मिक्स्ड राशन मशीन से अच्छे से मिलाएं ताकि पराली पूरी तरह से गीली हो जाए.

दुधारू पशुओं को इस मिश्रित चारे को 2 किलोग्राम प्रतिदिन की दर से खिलाने से उनके दूध उत्पादन में वृद्धि होती है.

सूखे पशुओं के लिए इस चारे का उपयोग 4-5 किलोग्राम प्रतिदिन के हिसाब से करें, ताकि उनकी सेहत बेहतर रहे और वृद्धि हो.

यूरिया उपचारित धान की पराली में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है, जो पशुओं के लिए पौष्टिक और सेहत के लिए फायदेमंद है.

इस उपचारित पराली का सेवन करने से छोटे पशुओं की वृद्धि होती है और दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ता है.

पराली को खेतों में जलाने से बचाना पर्यावरण को साफ रखने में मदद करता है और खेतों की उपज भी बेहतर होती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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