रोजाना 5 घंटे से कम नींद लेने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल असंतुलित हो सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

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नींद की कमी से इंसुलिन की कार्यक्षमता घटती है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं हो पाता और टाइप-2 डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है.

हर दिन कम नींद लेने से शरीर की फिल्टरिंग और ऑक्सीजन सप्लाई प्रणाली पर असर पड़ता है, जिससे किडनी और लंग्स डैमेज हो सकते हैं.

कम नींद से लिवर की डिटॉक्सिफिकेशन क्षमता प्रभावित होती है, जिससे लिवर में फैट जमा हो सकता है और यह खराब हो सकता है.

5 घंटे से कम नींद लेने से इम्यूनिटी घटती है, जिससे सर्दी-जुकाम से लेकर वायरल इंफेक्शन तक जल्दी पकड़ लेते हैं.

नींद की कमी मस्तिष्क के न्यूरोकेमिकल संतुलन को बिगाड़ती है, जिससे मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन का खतरा होता है.

नींद पूरी न होने से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन ‘घ्रेलिन’ का स्तर बढ़ता है और ‘लेप्टिन’ घटता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ सकता है.

कम नींद के कारण स्किन की रिपेयरिंग प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे झुर्रियां, पिगमेंटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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