धनिया के बीजों को बोने से पहले हाथों से रगड़ें. इससे बीज दो टुकड़ों में टूट जाते हैं जिससे अंकुरित में मदद मिलती है.

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बची हुई चाय पत्तियों को इकट्ठा करके मिट्टी में मिलाएं. चाय में नाइट्रोजन होता है जो पौधे की ग्रोथ को तेजी से बढ़ाता है.

कॉफी में पाए जाने वाले नाइट्रोजन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पौधे को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं.

मिट्टी को नम रखें ताकि पौधे को पर्याप्त पानी मिले, लेकिन ज्यादा पानी देने से बचें क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं.

प्राकृतिक तरीकों से पोषण देने से पौधे स्वस्थ रहते हैं और उनका स्वाद भी बेहतर होता है, जिससे धनिया सुरक्षित रहता है.

समय-समय पर पौधों को छंटाई करें ताकि वे घने और हरे-भरे बने रहें, साथ ही सूखी या बीमार पत्तियों को हटा दें.

धनिया को सुबह की हल्की धूप पसंद होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह लगाएं जहां बहुत तेज धूप या ज्यादा छांव न हो.

सुबह या शाम को पानी देना बेहतर होता है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहे और पौधा स्वस्थ रहे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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