मुरझाई, पीली पत्तियां और सूखी टहनियां रोज काटें ताकि नई कली और टहनियां पनप सकें.

सुबह जल्दी या शाम को ही पौधों को पानी दें, धूप में पानी देने से पत्तियां झुलस सकती हैं.

गमले में पानी जमा न होने दें. निकास के लिए छोटे छेद जरूर रखें, वरना जड़ें सड़ सकती हैं.

गमले की मिट्टी में समय-समय पर ऑर्गेनिक खाद डालें ताकि पौधों को पर्याप्त पोषण मिलता रहे.

प्याज और लहसुन के छिलके सड़ाकर गमले में डालें, ये फूल खिलने में बहुत मददगार होते हैं.

पानी देने के बाद मिट्टी के ऊपर नारियल के छिलके या गीली पत्तियां रखें ताकि नमी बनी रहे.

पुराने सूखे फूलों को टहनी से काट दें, ये बेवजह पोषण सोखते हैं और नए फूलों की वृद्धि रोकते हैं.

फूल न आने पर पौधों को फेंकने के बजाय धैर्य और सही देखभाल रखें, धीरे-धीरे फिर से फूल खिलने लगेंगे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: गमले में बढ़ानी है धनिया की ग्रोथ, तो अपनाएं ये टिप्स